अलीगढ़ का नाम आते ही, लोगों के चेहरे पर अजीब सी हंसी आ जाती है. ये हंसी आए भी क्यों ना, क्योंकि हाल के दिनों में अलीगढ़ सास-दामाद की कहानी के चलते सुर्खियों में रहा है, लेकिन बहुत कम लोग होंगे जो नहीं जानते है कि अलीगढ़ हमेशा से ही अपने उद्योग धंधों की वजह से भी सुर्खियों में रहा है. फिर चाहे वो घड़ी डिटर्जेंट की अलीगढ़ से शुरुआत हो या पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा का होम टाउन अलीगढ़ का होना.
घड़ी डिटर्जेंट और पेटीएम को बेशक 10, 20 या 50 साल हुए हैं, लेकिन अलीगढ़ में कुछ ऐसा भी है, जिसने पिछले 140 सालों से देश ही नहीं विदेश में भी अपना डंका बजाया हुआ है. जनाब हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ के तालों की जिन्होंने कई चोरों की आरी तोड़ी हैं. जब आप पूरे परिवार के साथ घर से दूर छुट्टियां मनाने जाते हैं तो अलीगढ़ के ताले चोरों से आपके घरों को सुरक्षित करते हैं. आज हम आपको अलीगढ़ के इन्हीं तालों का इतिहास बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप कई सास-दामाद की कहानी को भूल जाएंगे.
किसने बनाया अलीगढ़ का पहला ताला?
अलीगढ़ देश का 55वां सबसे बड़ा शहर है और ये सिटी ऑफ लॉक के नाम से भी फेमस है. अलीगढ़ के तालों का इतिहास 140 साल पुराना है. अलीगढ़ में सबसे पहले ब्रिटिश काल में इंग्लैंड की कंपनी जॉनसन एंड कंपनी ने तालों का निर्माण शुरू किया था. इन तालों की मदद से अंग्रेज टैक्स के नाम पर लूटी गई संपत्ति को सुरक्षित रखने का काम किया करते थे.
आपको बता दें अलीगढ़ के ताले अपनी खास डिजाइन की वजह से फेमस हैं. इसके साथ ही अलीगढ़ के ताले बाकी दुनिया में बनने वाले दूसरे तालों के मुकाबले काफी मजबूत होते हैं. इसीलिए अलीगढ़ के ताले अमूमन लोग खरीदना पसंद करते हैं. अलीगढ़ की सबसे बड़ी कंपनी Link Lock है, जिसके ताले देशभर में बेचे जाते हैं.
कितना बड़ा है अलीगढ़ के तालों का कारोबार?
ब्रिटिश काल में जब अलीगढ़ में ताले बनना शुरू हुए थे तो कच्चा माल विदेश से मंगाया जाता था और जॉनसन कंपनी अलीगढ़ में ताले बनाया करती थी. धीरे-धीरे अलीगढ़ के कारीगरों ने ताले बनाने का हुनर सीख लिया और आजादी के बाद इसी काम को अपना बिजनेस बनाया. अलीगढ़ में फिलहाल 9000 से ज्यादा ताले बनाने के कारखाने हैं, जहां करीब 1 लाख 50 हजार कारीगर काम करते हैं. वहीं अलीगढ़ में तालों का कुल कारोबार करीब 10 हजार करोड़ रुपए का है, जिसमें देश के साथ विदेशों में भी अलीगढ़ के ताले एक्सपोर्ट किए जाते हैं.